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राजस्थान पशु परिचर सिलेबस 2024 जारी यहां से करें पीडीएफ डाउनलोड

Rajasthan Animal Attendant Syllabus 2024 राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से सूचना सहायक भर्ती नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राजस्थान पशु परिचर भर्ती की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सिलबस जारी कर है। जो उम्मीदवार पशु परिचर परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। वे राजस्थान पशु परिचर सिलेबस 2024 डाउनलोड कर सकते हैं। पाठ्यक्रम से संबधित विवरण नीचे दिए गए है।

Rajasthan Animal Attendant Syllabus

Rajasthan Animal Attendant Syllabus 2024 Details

विभाग का नाम राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
परीक्षा का नाम पशु परिचर
कुल संख्या 5934 पद
कैटेगरी Syllabus
परीक्षा का नाम पशु परिचर परीक्षा
परीक्षा का प्रकार बहुविकल्पीय
कुल अंक 150 अंक
समय 3 घंटे
गलत उत्तर 1/4 अंक कट

Rajasthan Animal Attendant Exam Pattern 2024

भाग प्रश्नो की संख्या अंक
भाग (अ) 105 105
भाग (ब) 45 45
कुल 150 150

Rajasthan Animal Attendant Syllabus 2024 In Hindi

भाग (अ) – इस भाग से 105 प्रश्न पूछे जायेंगे और प्रत्येक प्रश्नों के लिए 1-1 अंक निर्धारित किया गया है।

राजस्थान राज्य के विशिष्ट संदर्भ के साथ माध्यमिक स्तर के सामान्य ज्ञान जिसमे ‘दैनिक विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, भूगोल, इतिहास, संस्कृति, कला, समसामयिक विषय आदि समाविष्ट हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न।

भाग (ब) – इस भाग से 45 प्रश्न पूछे जायेंगे और प्रत्येक प्रश्नों के लिए 1-1 अंक निर्धारित किया गया है।

पशुपालन से संबंधित निम्न बिन्दुओं का सामान्य ज्ञान जिसमे प्रदेश में पशुओं की प्रमुख देशी नस्लें, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, संकर प्रजनन, दुग्ध दोहन दुग्ध स्रवण काल, स्वच्छ दूध उत्पादन, पशु एवं कुक्कुट प्रबंधन, जैविक अपशिष्टों का निस्तारण, संतुलित पशु आहार, चारा फसलें, चारा / चारागाह विकास, स्वस्थ एवं बीमार पशुओं की पहचान, पशुओं में अंतः एवं बाह्य परजीवी रोग, पशुओं में टीकाकरण, पशुधन प्रसार, भेड़ बकरियों का स्वास्थ्य कलेण्डर, ऊन, मांस, दूध व अंडों का देश व राज्य में उत्पादन व स्थान, प्रति व्यक्ति दूध/मांस/अंडों की उपलब्धता, प्रति पशु दूध की उत्पादकता, ऊन कतरन, भार ढोने वाले पशु, वर्मी कम्पोस्ट खाद, पशुओं के चमडे एवं हड्डियों का उपयोग, पशुओं की उम्र ज्ञात करना, पॉलीथीन से पशुओं/पर्यावरण को हानि, पशु बीमा, पशु क्रय के समय रखी जाने वाली सावधानियाँ, पशु मेलें, पशुगणना, गौशाला प्रबंधन, साफ सफाई का महत्व, गोबर. मूत्र का उचित निष्पादन, पशुधन उत्पादों का विपणन, डेयरी विकास गतिविधियों तथा पशुपालन विभाग की प्रमुख योजनायें आदि का समावेश हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न।

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